कौशल विकास कार्यक्रम

राज्य के विकास के लिए जमीन और पूंजी के साथ सबसे महत्वपूर्ण है श्रम संसाधन की उपलब्धता। सरेार का निरंतर प्रयास है कि तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास के माध्यम से सेगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार के नए एवं बेहतर अवसर उपलब्ध करा सके, ताकि राज्य के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित हो। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 में 5 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य हैं बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए सात जिलों में पायलट प्रोजेक्ट पर विशेष आवासीय केंद्र संचालित होंगे।
श्रम संसाधन के विकास के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बाल श्रमिकों के पूनर्वास के लिए चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम नामक साॅफ्टवेयर लांच किया गया है। मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को 25 हजार रुपए की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाती है। 1149 बाल श्रमिकों को यह राशी उपलब्ध कराई गई है। 16 लाख निर्माण श्रमिकों का होगा निबंधन: श्रम विभाग के पदाधिकारीयों एवं अन्य भागीदारों के क्षमता निर्माण श्रम एवं नियोजन के मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मुल्यांकन की कार्रवाई के लिए दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान का निर्माण कार्य पटना मंे चल रहा है। बिहार भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत कुल 8.28 लाख निर्माण श्रमिक निबंधित हैं। वर्ष 2017-18 में अबतक 40 हजार 754 निर्माण श्रमिकों के बीच विभिन्न योजनांतर्गत कुल 61.28 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। वर्ष 2018-19 में बोर्ड के तहत निर्माण श्रमिकों के निबंधन को दोगुना कर 16 लाख करने का लक्ष्य है।

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