कांग्रेस ब्लॉक स्तरीय सम्मेलनों का आयोजन-5 जून से 25 जून तक

कांग्रेस केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की विफलताओं को उजागर करने के उद्देश्य से जिला व शहर कमेटियों द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में ब्लॉक स्तरीय सम्मेलनों का आयोजन 5 जून से 25 जून तक करने जा रही है।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के निर्देशानुसार आयोजित इन ब्लॉक स्तरीय सम्मेलनों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष/उनकी कार्यकारिणी एवं प्रत्येक न्याय पंचायत कांग्रेस के अध्यक्ष एवं उनकी कार्यकारिणी के पदाधिकारी तथा उस जिला/शहर के अंतर्गत रहने वाले समस्त एआईसीसी/पीसीसी सदस्यों एवं समस्त वरिष्ठ कांग्रेसजन शामिल होंगे।प्रवक्ता ने बताया कि इन ब्लॉक सम्मेलनों के माध्यम से सम्मेलन में आए हुए जनमानस को केंद्र सरकार द्वारा जनता के साथ किए गए ‘विश्वासघात’ के 22 बिंदुओं से अवगत कराया जाएगा।पांडेय ने बताया कि ‘विश्वासघात’ के 22 बिंदु ये हैं :1. 15 लाख रुपये किसी के खाते में नहीं आए, जुमला साबित हुआ।2. बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने के नाम पर केवल कोरा आश्वासन दिया गया।3. 2 करोड़ नौकरियों का अवसर पान व पकौड़ा पर समाप्त, बेरोजगारों के साथ मजाक।4. किसान विरोधी नीतियां-समर्थन मूल्य न दिया जाना, किसानों को उनकील फसल का मुआवजा न दिया जाना, किसानों की कर्जमाफी पर धोखा, गन्ना किसान खस्ताहाल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के साथ धोखा।5. आजादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार द्वारा खेती-बाड़ी पर टैक्स, कृषि निर्यात गिरा-आयात बढ़ा।6. शिक्षा बदहाल, युवाओं पर संकट, शिक्षा बजट में कटौती।7. आईटी सेक्टर में लाखों लोगों की छंटनी, सरकारी नौकरियों के पेपर लीक।8. बैंक घोटालों की बाढ़।9. लड़ाकू विमानों (राफेल) एवं रक्षा सौदों पर घोटाला, राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में, डोकलाम में चीन कर रहा है घुसपैठ, मोदी सरकार बेखबर। हमारे सशस्त्र बलों की अनदेखी और उनके साथ विश्वासघात। सेना के साथ सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों की तादात लगातार बढ़ रही है।10. भाजपा सरकार नक्सली हमले रोकने में नाकाम।11. डीजल/पेट्रोल में निरंतर मूल्यवृद्धि जारी, कमी के नाम पर 1, 5 और 7 पैस कम करके जनता का मजाक उड़ाया जा रहा है।12. मंहगाई चरम सीमा पर, आम जनता बेहाल13. ब्याज दरें कम, बचत का बंटाधार।14. ‘मेक इन इंडिया’ नारा हुआ फ्लॉप।15. पिछले 4 सालों में कुछ उद्योगपतियों की संपत्ति 4 गुना बढ़ी, आम जनता की आमदनी घटी। केंद्र सरकार ने बड़े उद्योगपतियों का 2.5 लाख करोड़ का ऋण माफ किया, लेकिन किसानों की कर्जमाफी के लिए पैसा न होने का रोना रो रही है।16. जनता बिजली की कटौती एवं पानी की कमी से त्रस्त।17. निर्यात में गिरावट, व्यापार घाटा बढ़ा।18. भाजपा ने चोरी-छिपे एससी/एसटी एक्ट कानून को कमजोर किया।19. प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था।20. प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं में बेइंतिहा वृद्धि21. रेलवे सुरक्षा एवं संचालन का बुरा हाल।22. ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत अरबों का घोटाला, गंगा मां के साथ विश्वासघात।

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