“एक सोने की चिड़िया “

‌भारत, “एक सोने की चिड़िया ” के नाम से जाने जाने वाला राष्ट्र था. इस पर विश्वा के कई देशों के नज़र टिकी थी. कई तो आए और उल्टे पाओ निकल पड़े. कई आक्रमणकारियों ने इसे लूटा, कई राजाओं ने इसपर राज किया और वापस चले गये. यह राष्ट्र कृषि प्रधान होने के साथ ही साथ सर्वगुण संपन्न भी था. यहाँ के लोगों का कोमल हृदय और “अतिथि देवो भावः” के सहारे जी रहे थे. अचानक से तो नहीं बल्कि इन भारतीय के अच्छे स्वभाव के गलत फायदा अंग्रेजों ने भाली- भांति उठाया. जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोगों को अपने परतंत्रता का आभास हुआ, लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी. वो गुलामी की जंजीर में जकर चुके थे. दिनों कठपुतलियों की तरह उनके इशारों पर चल रहे थे लगभग दो सौ वर्षो तक अंग्रेजों के गुलामी सहने के बाद, आजादी के दीवाने अपने मातृभूमि को स्वतंत्र करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर परतंत्रता के आग में कूद गये. और कूद भी क्यों ना. अंग्रेजों को जो खदेड़ना था. इस बीच कई क्रांति वीरों ने अपने कुछ नारे भी दिए जिनमें,
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर करना.
जय जवान, जय किसान.
स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, सामिल थे.
सेनानियों में, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, झाँसी की रानी, मौलाना अबुल कलम आजाद, भगत सिंह, अरुणा अशफ अली की अहम भूमिका रही. लोगों में एकता समुद्र जैसा प्रतीत हो रहा था और वही समुद्र आजादी के मुकाम तक ले जा सकती थी. स्वतंत्रता की भूख विकराल रूप धारण किया और अंग्रेजों की गर्दन पर टूट पड़ा. तत पश्चात आज के दिन 15 अगस्त सन् 1947 को आजादी के दिन को स्वर्ण अक्षरों में, “स्वर्णिम दिन ” के रूप में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय पर्व के रूप में बहुत धूम – धाम से मनाते है.  15 अगस्त, 2020 को हम 74 वीं स्वतंत्रता दिवस के रूप में मना रहे हैं. इस वर्ष , कोरोना महामारी का बिगड़ते हालात को देखते हुए पूरे राष्ट्र में लॉक डाउन है, जिससे स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक क्षेत्र पूर्णतः बंद पड़े है. बाजार में एक मायूसि सा है, लेकिन लोगों के उत्साह कम नहीं होंगे. अभी भी वही एकता लोगों में देखने को मिल रही है. “राष्ट्र को बचाने का “, कोरोना मुक्त भारत बनाने का. जिसमें लोगों ने घर पर रहकर ही अपने सहार्दिक से राष्ट्र को समर्पित रहेंगे. लोग अपने राष्ट्रीय झंडा तिरंगा, राष्ट्रीय मिठाई जलेबी और राष्ट्रीय गीत को कैसे भूलेंगे. हमें भारतीय होने पर गर्व है.
जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳

Digvijay kr.

Leave a Comment

− 1 = 1