आजादी का अमृत महोत्सव एवं डॉल्फिन का संरक्षण के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारम्भ

पटना : पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत संस्थाओं के द्वारा ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली को संरक्षण और जागरूकता गतिविधि कार्यों को सौपा गया है । इस अभियान में 75 वन्यजीवों की प्रजातियों के लिए संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करना है। इस कार्यक्रम अंतर्गत पटना के संजय गाँधी जैविक उद्यान तथा भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग, पटना के संयुक्त तत्वाधान में “सह-अस्तित्व का संरक्षण एवं लोगों को जोड़ने” विषय पर वन्यजीवों के लिए कार्य करना है” जिसमें 75 चिड़ियाघरों में 75 सप्ताह तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना के द्वारा 20 जून से 26 जून 2022 तक एक सप्ताह के लिए गंगा के डॉलफिन को ध्यान में रखकर इस प्रजाति के संरक्षण के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया गया हैI

आयोजन के पहला दिन 20 जून 2022 को ‘गंगा की डॉल्फिन-भारत की राष्ट्रीय विरासत का संरक्षण’ पर एक विशेषज्ञ संगोष्ठी का आयोजन किया गया है संगोष्ठी से बिहार भर के वन विभाग के अधिकारी और कर्मी ऑनलाइन भी जुड़े ।
कार्यक्रम की शुरुआत सत्यजीत कुमार, निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान के सवागत से हुआ जिसमें उन्होंने आगत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया ।

सर्वप्रथम कार्यक्रम में पी.के. गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह बिहार के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अपने सम्बोधन में बिहार में गंगा डॉल्फिन के लिए किये गए संरक्षण कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कियाI

तत्पपश्चात डॉ. गोपाल शर्मा, वैज्ञानिक ई और प्रभारी अधिकारी, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पटना ने गांगेय डॉल्फिन पर स्लाईड शो के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को संरक्षण, खतरे एवं बचाव के उपाय पर वल दिया उन्होंने गांगेय डॉल्फिन के ट्रांस्लोकेशन पर एक फिल्म भी दिखाई जिसमें किशनगंज के पास महानंदा नदी की सहायक नदीं में दो ज़िंदा डॉल्फिन को ट्रांस्लोकेट करने की विधि बताईI इसके अलावा, उन्होंने प्रतिकूल मौसम में कानूनी रूप से मछली पकड़ने पर पाबन्दी जैसे कानूनों का भी जिक्र किया एवं जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए, इसे दृढ़ता से लागू करने की बात भी कही व अपनी राय साझा की।

मौके पर गौरैया संरक्षक संजय कुमार और पी आई बी पटना के सहायक निदेशक ने डॉल्फिन संरक्षण में मीडिया की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि जागरूकता से ही डॉल्फिन को बचाया जा सकता है और इसमें मीडिया की भूमिका अहम हो सकती है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पटना जू के निर्देशक सत्यजीत ने कहा कि सात दिवसीय इस आयोजन के जरिए वन्य प्राणियों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

समारोह में निर्देशक पारिस्थितिकी सुरेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे । इस कार्यक्रम में भागलपुर वन प्रमंडल क्षेत्र, मुंगेर वन प्रमंडल क्षेत्र, पटना वन प्रमंडल क्षेत्र के फारेस्ट गार्ड तथा बिहार के विभिन विश्विद्यालयों एवं कलमगार, एनवायरनमेंट वारियर्स , जैसे संस्थानों के लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने बढ़ – चढ़कर हिस्सा लिया और उत्सुकता दिखाई।

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