बांग्लादेशी PM हसीना का इस्तीफा, देश छोड़ा; आर्मी ने कहा- सेना अंतरिम सरकार बनाएगी

बांग्लादेश: बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्रों के हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने PM आवास में तोड़फोड़ और आगजनी की। उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचीं। यहां NSA अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की।

हसीना लंदन, फिनलैंड या किसी और देश जा सकती हैं। इस बीच, बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने अंतरिम सरकार बनाने की बात कही है। राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व PM और विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहा करने का आदेश दिया। उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में 17 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। भारत ने बांग्लादेश जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं। एयर इंडिया ने विमान सेवा सस्पेंड कर दी है। भारत-बांग्लादेश 4 हजार किमी लंबा बॉर्डर साझा करते हैं। हसीना के इस्तीफे की वजह: बांग्लादेश में 56% आरक्षण के विरोध में 1 जुलाई 2024 को छात्र आंदोलन शुरू हुआ, जो 15 जुलाई को हिंसक हो गया। इसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए। 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को 56% से घटाकर 7% कर दिया। हसीना 25 जुलाई को मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन

पहुंचीं, यहां हुई तोड़-फोड़ देख रो पड़ीं। हालांकि उन्होंने छात्रों की मौत पर कुछ नहीं कहा। 4 अगस्त को हजारों लोगों ने हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। एक ही दिन में 97 लोग मारे गए। PM हसीना ने कहा कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वे छात्र नहीं आतंकी हैं। 5 अगस्त की सुबह प्रदर्शनकारियों ने ढाका की तरफ लॉन्ग मार्च शुरू किया। दोपहर में हसीना ने इस्तीफा दे दिया। हजारों प्रदर्शनकारियों ने PM आवास पर धावा बोला, सेना ने इन्हें नहीं रोका। क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खतरे में हैं: 15 अगस्त 1975 को शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या हुई थी। इसके बाद जनरल जियाउर रहमान के नेतृत्व वाली सरकार ने चरमपंथी इस्लामी संगठनों को बढ़ावा दिया। तब हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हुई थी। 2001 में जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी सत्ता में आई, तब भी हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा हुई। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक आमतौर पर हसीना की पार्टी अवामी लीग को वोट देते हैं। भास्कर ने 5 अगस्त की शाम ढाका के रमना काली मंदिर ट्रस्ट के सेक्रेटरी उत्तम कुमार दास से बात की। उन्होंने बताया, ‘हम लोग अभी सेफ हैं।’

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