माता आयी मेरे घर
ऐ काल तू विश्राम कर की माता आयी मेरे घर, और साथ साथ देव-गण भी सेवा में आये मगन, शिव की डमरू गरज पड़ी, ब्रह्मा भी छोड़े गगन कुटिया मेरी ये धन्य हुवी की लक्ष्मी आयी विष्णु संग ऐ काल तू विश्राम कर की माता आई मेरे घर माता के प्रेम के लिए कलयुग को त्याग हम दिए द्वापर को लाया घर मेरे सतयुग को शत नमन किये, ऐ काल तू अब जा ठहर की…
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