बांग्ला साहित्य का इतिहास

बांग्ला भाषा और लिपि के चर्चा के बाद आज चर्चा करेंगे बांग्ला साहित्य के इतिहास के विषय में।

बांग्ला साहित्य का इतिहास को तीन युगों में बांटा‌ जाता है।
पहला प्राचीन यूग- 950 शताब्दी से 1300 शताब्दी।
भारत में पाल राजाओं के शासनकाल में बौद्ध सहजियाओं द्वारा विभिन्न भक्ति मूलक पदों की रचना की गई । परंतु सेन शासनकाल में यह सहजियागण भारत छोड़ के नेपाल की तरफ चले गए और ले गए अपने साथ अपने रचित पदों का संग्रह। इन्हीं पदों का आविष्कार आधुनिक काल में हरप्रसाद शास्त्री द्वारा नेपाल के राज परिवार के‌ ग्रंथागार से हुआ जिसे ,”चयापद‌” का नाम दिया गया।  हालांकि हरप्रसाद शास्त्री को पचास पदों में से साडे छयालिस पद ही मिले हैं।चयापद मैं उल्लेख है प्राचीन युग के समाज, प्रकृति ,अलंकार इत्यादि का ।प्राचीन काल के बांग्ला साहित्य से जुड़े और कोई भी लिखित प्रमाण प्राप्त नहीं हुए हैं अतः इस युग को बांग्ला साहित्य का अंधकार युग भी कहा जाता है।

Thanks to: Kakoli Mehrotra

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