सनातन धर्म का सबसे बड़ा सामाजिक त्योहार होली का कुछ विद्वान गलत प्रचार प्रसार कर रहे हैं जो कि यह उचित नहीं है
किसी भी पंचांग। ( पतरा )में यह नहीं लिखा है कि होली 25 मार्च को मनाया जाएगा
जो कि यह उचित नहीं है 25 मार्च को सिर्फ और सिर्फ काशी वाराणसी में ही मनाया जाएगा
क्योंकि यह परंपरा है की काशी के बाबा विश्वनाथ होली खेल लेंगे उसके बाद ही आम जनमानस होली खेलेंगे
एक और परंपरा है हमारे समाज में कि रात्रि 12:00 के पहले होलिका दहन होगा तो अगले दिन होली पड़ेगा
अगर 12:00 रात्रि के बाद होलिका दहन होगा तो एक दिन बीच लगेगा तब होली होगा
हालांकि यह उचित भी है
इस बार होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार रात्रि 10:28 के बाद ही होगा क्योंकि रात्रि 10:28 तक भद्रा है
हालांकि इस बार तिथि का कुछ अलग हो जाने की वजह से
यह असमंजस बना हुआ है की होली कब होगा
हम लोग होली का जो त्यौहार मनाते हैं वह चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को मानते हैं
वह भी प्रतिपदा उदया तिथि में सूर्योदय हो तब।।
इस बार प्रतिपदा तिथि 25 मार्च को 11:32 से दिन में प्रारंभ हो रहा है जो कि अगले दिन 26 मार्च दिन मंगलवार को दिन में 1:26 तक प्रतिपदा तिथि है
(उदया व्यापिनी)
इसीलिए होलिकोत्सव (होली का त्यौहार) रंगोत्सव
26 मार्च दिन मंगलवार को ही मनाया जाएगा यही शास्त्र मत है
अगर किसी तरह का इसमें त्रुटि हो तो क्षमा प्रार्थी हैं हम
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रात्रि 8:00 बजे से 9:00 तक।
संतोष कुमार पाठक न्यू हाउसिंग कॉलोनी एमआईजी 4 आरा बिहार
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