IAS अधिकारी संजीव हंस की मुसीबतें बढ़ी

IAS अधिकारी संजीव हंस की मुसीबतें बढ़ी| भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसे IAS पर बिहार सरकार ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी,जिससे अब कोर्ट कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकेगी। इन पर घूसखोरी, अवैध संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप है|कानूनी प्रावधान के अनुसार किसी सरकारी अधिकारी या लोकसेवक के खिलाफ किसी किस्म का अपराध करने का आरोप लगाया जाता है तो कोर्ट में तब तक ट्रायल नहीं हो सकता जब तक कि सरकार मुकदमा चलाने की मंजूरी ना दे दे|  संजीव हंस के खिलाफ दर्ज मुकदमे में यही पेंच फंसा हुआ था| संजीव हंस को गिरफ्तार करने वाली जांच एजेंसी ईडी ने दिसंबर 2024 में ने अदालत में 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी| इसमें संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव का नाम शामिल है| लेकिन राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिलने के कारण कोर्ट मामले का संज्ञान नहीं ले रही थी|

चार्जशीट दायर होने के बावजूद कोर्ट ने हंस के खिलाफ संज्ञान नहीं लिया था और राज्य सरकार द्वारा मुकदमा चलाए जाने की अनुमति का इंतजार किए जाने की बात कही थी| अब जब राज्य सरकार ने संजीव हंस पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है तब कोर्ट अभियोजन की कार्रवाई शुरू करेगी| ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार के निगरानी विभाग की विशेष इकाई ने भी संजीव हंस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया था| संजीव हंस के खिलाफ Prevention Of Money Laundering Act (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था| संजीव हंस पर आरोप है कि उन्होंने बिहार सरकार में अहम पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित की है| संजीव हंस बिहार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे|

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