हिंदी दिवस पर ग्रामीण युवा छात्रों की पहल

हिंदी दिवस पर ग्रामीण युवा छात्रों की पहल
साधारण कैमरा और सीमित साधनों में फिल्म का रूप
दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र लॉक डाउन में गांव में फंसे तो बना दी शॉर्ट मूवी
‘अस्त’ नाम के मूवी में लॉक डाउन का दर्द सोचने पर विवश करता है
बिक्रम(एस०एन०बी०)। बिहार में युवा प्रतिभा की कोई कमी नहीं और यदि अवसर मिल जाय तो बिहारी प्रतिभा की पहचान बनाने में देर नहीं लगती / एक तरफ अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बिहारी प्रतिभा को दबाने की साजिश तो दूसरी ओर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान का लॉकडाउन ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को झकझोर कर रख दिया / वर्तमान समय में हर वर्ग नए अवसर की तलाश में हैं। उन्हीं युवाओं में एक बिक्रम नगर पंचायत के खोरैठा नगर निवासी कुमार मंगलम दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के हिंदी स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र हैं और कॉलेज में सोसाइटी में अपनी पहचान बनाने के साथ सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट भी लाते रहे हैं। लॉक डाउन में कॉलेज बंद होने के कारण वे अपने घर बिक्रम में रह रहे हैं। इस बीच उन्होंने कोरोना महामारी से जुड़ी गरीब युवा छात्र एवं परिवार पर एक स्टोरी तैयार किया / स्वयं स्क्रिप्ट तैयार कर दोस्तों के साथ एक शॉर्ट मूवी तैयार की। कुमार मंगलम बतलाते हैं कि पूरी फिल्म की शूटिंग और एडिटिंग में चार महीने लग गए। सोमवार को हिंदी दिवस के अवसर पर ‘अस्त’ नाम से फिल्म रिलीज की गई है। स्टोरी एवं निर्देशन- कुमार मंगलम,कलाकार- गौरव,अभिषेक अक्षय’अक्की’,पंकज,सहयोगी कलाकार-अंकित,शुभम,गणेश कुमार,सुधीर कुमार,मनोज कुमार,कैमरा मैन- चाहत एवं अमित,एडिटिंग-चाहत कुमार,गीत-कुमार मंगलम,म्यूजिक-ई० मयंक शेखर,गायन-मृणालिनी,प्रिया,ई० मयंक का है।लॉक डाउन पर बनाई गई मार्मिक फिल्म अभी सैकड़ों लोग यूट्यूब पर इसे देख चुके हैं।फिल्म की मार्मिकता और जीवंतता की लोग तरीफ कर रहे हैं।साधारण कैमरा और सीमित साधनों में फिल्म का रूप देना कठिन है लेकिन इसके बावजूद युवा छात्रों ने अपनी प्रतिभा से यह तो प्रमाणित कर दिया है कि सिर्फ अवसर मिलने की तलाश है बिहार की मेधा निखर ही जाती है।

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