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बक्सर के गोकुल जलाशय में लगा प्रवासी पक्षियों का ‘महाकुम्भ’,जलकुम्भी की कमी और खुला जल क्षेत्र बना पक्षियों के लिए वरदान

पटना : बिहार के बक्सर जिले में स्थित गोकुल जलाशय इस बार एक प्राकृतिक चमत्कार का गवाह बना। यहां आमतौर पर गर्मी के मौसम में जलाशयों में पक्षियों की संख्या घटती है, लेकिन इस बार एशियाई जलपक्षी गणना 2025 के दौरान इस जलाशय में 65 प्रजातियों के करीब 3500 पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की गई, जो पिछले तीन वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खास पहल पर इस विशेष प्रकृति स्थल को संरक्षित और विकसित किया गया है। इसका असर इस बार देखने मिल रहा है।
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इजिप्शियन वल्चर की मौजूदगी ने बर्डवॉचर्स को चौंकाया
इस वर्ष की सबसे चौंकाने वाली और उल्लेखनीय उपस्थिति रही दुर्लभ ‘इजिप्शियन वल्चर’ (सफेद गिद्ध) की, जो पूरे विश्व में संकटग्रस्त पक्षियों की सूची में शामिल है। यह बिहार में बहुत ही कम नजर आता है लेकिन इस बार इसकी एक झलक ने पक्षी विशेषज्ञों को रोमांचित कर दिया। ये गणना 28 मार्च से 6 अप्रैल के बीच की जा रही है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सदस्य अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार-गुरुवार को गोकुल जलाशय और गंगा क्षेत्र में पक्षी गणना की गई। इस दौरान विभिन्न प्रजातियों के कई प्रवासी पक्षी भी देखे गये, जिनमें नॉर्दर्न शोवलर, गार्गेनी, रूडी शेलडक, ऑस्प्रे, केस्ट्रेल, सैंडपाइपर, येलो वैगटेल आदि प्रमुख रहीं। स्थानीय पक्षियों की भी बड़ी संख्या देखने को मिली। 650 लेसर व्हिसलिंग डक, 800 एशियाई ओपनबिल और रेड वैटल्ड लैपविंग जैसे पक्षी प्रमुख रहे। साथ ही गंगा के किनारे के बलुआही टीलों पर प्रजनन कर रहे पक्षियों में स्मॉल प्रेटिंकोल और ब्लू टेल्ड बी ईटर की संख्या भी देखने को मिली।
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