लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती हैं मोदी सरकार : संजीव कुमार सिंह

पटना मीडिया पर सरकारी एजेन्सियों के छापे मोदी सरकार की छटपटाहट को बयॉ करते हैं। सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है,जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है। दैनिक भास्कर ने पेगासस जासूसी कांड का भंड़ाफोड कर जुमलेबाज सरकार की उस श्वास नली को ही अवरूद्ध कर दिया हैं। जिससे झूठे चमकदार छवि के लिए अनेकों षड्यन्त्रों का अॉक्सीजन वह वर्षों से लेती रही हैं। वहीं, जो दूसरों को डराता है वास्तव में वह पहले से खुद ही बहुत डरा हुआ रहता है। इसलिए डरे हुए से क्या डरना।

इस संदर्भ में राष्ट्रीय नेता भारतीय राष्ट्रीय काँगेस, आल इंडिया कांग्रेस कमेटी, उत्तरप्रदेश के पर्यवेक्षक एवं प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और सुप्रीमकोर्ट के मशहूर वकील संजीव कुमार सिंह ने संवाददाता वार्ता में कहा कि मोदीजी की राजनीति शैली नादिरशाह,औरंगजेब और हिटलर की तरह है, जो भी उन के कुव्यवस्था का आलोचना करेगा, उस को सरकारी मशीनरी से प्रताड़ित करो, धमकाओ, विधानसभा चुनाव मे विपक्षी दलो पर ईडी, सीबीआई और आईटी की रेड करवाना, दैनिकभास्कर, भारत समाचार उसी कडी का हिस्सा है। वहीं, गोदी मिडिया पर आजतक कोई रेड क्यो नही? क्योंकि मोदी जी एक आत्ममुग्ध, झूठे, घमंडी, तानाशाह और महा झांसेवाज राजनीतिज्ञ है। जो इनके पागलपन में शामिल नहीं होंगे डराए जाएँगे, कठघरे में खड़े कर दिये जाएँगे और जो विरोध में सच-सच बोलेंगे वह प्रताड़ित किए जाएँगे। जो अपराधी नहीं होंगे वो बनाये जाएँगे। उधर ख़ुद रैली में महा झूठ बोलो,सभाओं में सफेद झूठ बोलो,बयान में झूठ बोलो, मन की बात में झूठ बोलो, मीडिया में खुलकर महाझूठ बोलो, विधानसभा में सफेद झूठ बोलो और अब तो हालत यह हो गई है कि मोदी सरकार संसद के पटल पर भी खुलेआम झूठ बोल रही है। इन्होंने सिर्फ़ सात में साबित कर दिया कि यह जनता से महा झूठ बोलनी वाली सरकार है। अगर आप पत्रकार हैं? अगर आप कोई समाचार एजेंसी चला रहे है? और यदि आपके यहाँ आईटी/ईडी के छापे पडे हैं? तो निश्चित आप सच के साथ है। दैनिक भाष्कर या एनडीटीवी सहित कई व्यक्तिगत न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले जॉवाज पत्रकार सरकारी ऐजेन्सियों के छापे के इंतज़ार में स्वागत के लिए तैयार रहें। यह डरी हुई सरकार इससे ज्यादा और कर भी क्या सकती है। लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ की रक्षा के लिए सच उजागर करना सिर्फ मुट्ठी भर ईमान्दार पत्रकारों का ही दायित्व नहीं है। हम सब को सच की आवाज़ का समर्थन देकर हौंसला बढ़ता है। क्योंकि कोरोना संकट काल मे जिस प्रकार की साहसपूर्ण पत्रकारिता का प्रदर्शन भास्कर समूह कर रहा था, मोदी सरकार को जिस तरह से वह कठघरे में खड़ा किया उसका इनाम तो उसे मिलना ही था। हाल ही में जब मोदी सरकार ने ये कहा कि ऑक्सिजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई तो इस अख़बार ने सबूत के साथ खबर पेश करके सरकार के बयान की धज्जियाँ उड़ा दीं। खबर मिली है कि दैनिक भास्कर के अख़बार के मालिकों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है। यानी कहने का मतलब ये है कि जो भी सच बोलेगा वो ही इस सरकार द्वारा सताया जाएगा

श्री सिंह ने कहा कि इन सात सालों में देखा ये जा रहा है कि सत्ता में जब से मोदी सरकार आयी है,उन्ही के यहां छापे मारे जाते हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ या विरुद्ध या गलतियों को उजागर किया हैं,अगर देखा जाए तो जब तक कोई व्यक्ति मोदी जी के साथ है तो वह दूध का धुला रहता है और जैसे ही वह पार्टी लीक से हटकर काम करता हैं तो तुरंत मोदी सरकार द्वारा छापे आदि की कार्रवाई हो जाती है। जो थोड़ा भी सच छापेगा मोदी का छापा उस पर पड़ेगा। अपने सारे दांव उल्टे पड़ते देख तानाशाह डरपोक लोग बोखला गये है,अभी तो इनका नंगा नाच चालू होने जा रहा है‌। इन मूर्खो ने देश को महासतयानाश की स्थिति में पहुंचा दिया है।दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज़ चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है,जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है। मजबूर मजदूर किसान अब भैंस के आगे बीन बजाये, भैंस रही पगुराय” ’पगुराती’ जो एक ही बात को फेंटते रहते है और ’मुख-सुख’ करते रहते हैं। मोदी सरकार घुइन्या उखाड़ने के लिये है? फ़र्ज़ी विश्व गुरु मोदी जी अपनी गलत नीतियों, झूठे महा झांसे और मजदूर ग़रीब जनता को कम्रदोड़ महँगाई की आग में झोखने के कारण देश के लिये सफेद हाथी साबित हो रहे है और पूरे विश्व में अपनी फ़ज़ीहत करा रहे हैं।

Report by; Vivek kr.

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