इस देश की संस्कृति इंसानियत और पहचान है राम-अरविन्द सिंह

24 सितंबर पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि  राम तो प्रतीक है, बाल्मीकि, केवट, और एक दलित माता शबरी की आस्था का, विश्वास का, प्रेम का, भाईचारा का, साधना का और भक्ति का, तपस्या का प्रतीक है राम। इस देश के कण-कण में है  राम, इस देश के संस्कृति में है राम, इस देश के विश्वास में है राम, इस देश के घर घर में है राम।

सामाजिक समरसता और जीवन जीने की पद्धति है राम। सत्य निष्ठा ईमानदारी करुणा दया और वीरता के प्रतीक है राम।

श्री अरविन्द ने कहा कि संत रविदास के आराध्य है राम, वे एक व्यवस्था के प्रतीक भी हैं, उनको तो किसी ने मंदिर में जाने से नहीं रोक सका, जो मंदिर में जाना चाहा, जो राम को पाना चाहा, वह पा लिया राम को, माता शबरी को तो किसी ने नहीं रोका, और माता शबरी के घर में जूठन बैर जा कर भगवान राम ने खाया।

हा वोट की राजनीति करने वाले लोग, राम को नहीं पा सके, वे परिवार से बाहर नहीं निकल सके। हा ना वे हिंदू का हुए, न मुसलमान का हुए, ना वो दलित का हुए, नव पिछड़ा का हुए, वें किसी समाज का नहीं हुए, सिर्फ अपने परिवार का हुए।
कलयुग में कलीक अवतार है राम, यह जनता जनार्दन ही है राम। दलित, पिछड़ा, गरीब, मेहनतकश किसान हर इंसान यही है राम।

 जब राम काल्पनिक हो हीं गए,
तब ‘केवट’ का पहचान कहाँ..?

जब सीता को हीं त्याग दिए,
तब ‘वाल्मिकी’ का सम्मान कहाँ..?

जब रामचरित्र को ‘हर’ हीं लिए,
अब रावण का संहार कहाँ..?

अपमान का दंश लगा हीं दिए,
‘मर्यादा’ का अब ध्यान कहाँ..?

जब ‘सत्य’ को यूँ झुठला हीं दिए,
तब धर्म का साथ स्वीकार कहाँ..?

Leave a Comment

+ 71 = 79