24 साल से पेंशन की आश लिए वृद्ध ने लगाई NACHRCOI कार्यालय में गुहार

पटना : अधिकारीयों की मनमानी एवं सरकारी दस्तावेज़ के गलत रख – रखाव से दिनारा, रोहतास से पीड़ित वृद्ध महिला ने आखिर नेशनल एंटी क्राइम ह्यूमन राइट्स कौंसिल ऑफ़ इंडिया के प्रशाशनिक कार्यालय में अपनी गुहार लगाई हैं | प्राप्त आवदेन में सरकार के अधिकारीयों के साथ कर्मचारियों द्वारा अमानवीय यातना के साथ आज – कल का खेल जारी हैं | मामला गृह विभाग दिनारा थाना रोहतास से सम्बंधित हैं |

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स्वर्गीय इमरान खान दफादार दिनारा थाना में दफादार के पद पर पदस्थापित थे, जिनकी मृत्यु सेवाकाल में ही वर्ष 1997 में हो गयी थी | उसके बाद उनकी 2 पुत्रियों में किसी एक को सरकारी सेवकों के आश्रितों को भर्ती नियमावली 1974 के अंतर्गत अनुकम्पा पर बहाल करना चाहिए था, लेकिन आज 24 साल के बाद भी अंचलाधिकारी, दिनारा द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दिए गए जवाब में लिखा गया कि “मांगी गयी सूचना से सम्बंधित कोई भी साक्ष्य कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं” जबकि पूर्व में जांच के क्रम में अंचलधिकारी द्वारा दिए गए स्पस्टीकरण में उनके पदस्थापन एवं मृत्यु का कारण स्पस्ट होने के बावजुद भी ना तो वर्तमान अंचलाधिकारी द्वारा सही जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं और ना ही सरकारी निम्म कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों को मुआवज़ा ही उपलब्ध कराया जा रहा हैं |

मामले की सत्यता की पूर्ण जांच करते हुए डॉ मोहम्मद सफ़दर मुस्तफा अध्यक्ष नेशनल एंटी क्राइम ह्यूमन राइट्स कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा सभी साक्ष्य एवं जांच रिपोर्ट को माननीय मुख्यमंत्री के साथ पुलिस महानिदेशक बिहार सरकार को उचित एवं विधि सम्मत करवाई के लिए भेजा हैं |

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