मुझे विश्वास है कि ‘बिहार संवादी’ कार्यक्रम का बेहतर नतीजा निकलेगा:- मुख्यमंत्री

पटना, 21 अप्रैल 2018:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज तारा मंडल पृक्षागृह में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित ‘बिहार संवादी’ कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं दैनिक जागरण को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि आपलोगों ने ‘‘बिहार संवादी कार्यक्रम’’ की शुरुआत की और उदघाट्न सत्र के लिए मुझे आमंत्रित किया। आपलोगों ने संवाद और बहस के बीच में फर्क की चर्चा की है। मैं समझता हूं कि इस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि भी यही है। आज देश-दुनिया में तनाव और टकराव का माहौल बना हुआ है। हमलोगों को इससे निकलना होगा और सकारात्मक मानसिकता के साथ काम करना होगा। किसी भी संवाद का आयोजन इस तरह हो जो सकारात्मक दिखे और उसका निष्कर्ष भी सकारात्मक हो। मुझे विश्वास है ‘बिहार संवादी’ कार्यक्रम का बेहतर नतीजा निकलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना हमलोगों का उद्देश्य रहा है। सरकार की तरफ से लिट्रेचर एवं कल्चर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता रहा है। बिहार ज्ञान की भूमि है। बिहार का नाम ‘विहार’ पर पड़ा है। यहां का माहौल काफी सकारात्मक था। यह अद्भुत जगह है, यह भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि है, भगवान महावीर की जन्मभूमि, ज्ञानभूमि एवं निर्वाण भूमि है। यहीं पर सम्राट अषोक का चंड अशोक से धम्म अशोक में परिवर्तन हुआ। यहीं अर्थशास्त्र के रचयिता चाणक्य थे, जिन्होंने देश के सम्राट के रुप में चंद्रगुप्त का चयन किया। शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट भी यहीं हुए। 350 वर्ष पहले श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म यहीं हुआ था। 101 वर्ष पहले पंडित राजकुमार शुक्ल के आग्रह पर गांधी जी का यहां आगमन हुआ। चंपारण सत्याग्रह के प्रभाव से ही उसके 30 वर्ष के अंदर देश को आजादी मिल गई। चंपारण सत्याग्रह के द्वारा गांधी जी ने जन-भागीदारी को बढ़ाया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को जन-आंदोलन का रुप दे दिया। साहित्य के क्षेत्र में विद्यापति, दिनकर जी, रेणु जी, बाबा नागार्जुन सभी यहीं के थे। हर क्षेत्र में चाहे, वह साहित्य का हो, दर्शन का हो, विज्ञान, कला का हो बिहार की अपनी भूमिका रही है। हाल ही में जापान के यात्रा के दौरान टोक्यो में भारतीय दूतावास में एक व्यक्ति के द्वारा रखी गई सुरक्षित मधुबनी पेंटिंग को देखने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय रहा है। तेलहाड़ा में खुदाई चल रही है, लखीसराय में भी खुदाई चल रही है जिसमें नई नई चीजें सामने आएंगी। यहां की पृष्ठभूमि अच्छी रही है। अध्यात्म के युग की भी चर्चा करें तो मां जानकी की जन्मस्थली भी यहीं है, बक्सर में भगवान राम ने शिक्षा ग्रहण की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में प्रेम-सद्भाव और सौहार्द का माहौल बनाए रखने की जरुरत है। इस कार्यक्रम में लेखक, विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, फिल्म जगत के लोग व्यापक चर्चा के लिए शामिल हो रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि संवाद से सकारात्मक संदेश जाएगा। आपलोगों की चर्चा का व्यापक असर होगा। समाज सुधार के मुद्दे, जैसे शराबबंदी,बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे विषयों पर भी चर्चा हो। यह कार्यक्रम साहित्य उत्सव की तरह है और इसमें खुशी तब मिलेगी जब समाज में तनाव एवं टकराव खत्म होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे प्रशासनिक क्षेत्र में हो, व्यवसाय में हो, राजनीति में हो, सभी क्षेत्र के लोगों की साहित्य के प्रति रुचि प्रशंसनीय है। हिंदी का विकास सिर्फ संस्कृत की तरफ ही नहीं बल्कि ऊर्दू के तरफ भी हो। सबको मिलाकर हिंदी भाषा और समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि अखबारों में सामाजिक मुद्दों के लिए भी पृष्ठ सुरक्षित करना चहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में पाठकों की काफी संख्या है। यहां सबसे ज्यादा पत्रिका बिकती है। यहां के पाठक सतर्क हैं। मुझे भी बचपन से अखबार पढ़ने में रुचि रही है और आज भी पढ़ता हूं। अखबार के माध्यम से बहुत सारी बातों की जानकारी हो जाती है। नई पीढ़ी समाचार पत्रों के माध्यम से सहज ढंग से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। ‘बिहार संवादी’ कार्यक्रम से लेखन की प्रवृति भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन स्वस्थ्य मानसिकता को दर्शाता है। बिहार को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने में इस तरह के कार्यक्रम की भूमिका है। विकास का मतलब सिर्फ इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं होता बल्कि समाजिक उत्थान भी होता है। विकास का मतलब न्याय के साथ विकास, हर इलाके का विकास, हर समुदाय का विकास है। हम कुरीतियों को दूर करेंगे तो विकास प्रभावी होगा। मुझे ऐसा विश्वास है इस संवादी कार्यक्रम का सकारात्मक परिणाम जरुर मिलेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत दैनिक जागरण बिहार-झारखंड के एसोसियेट एडिटर श्री सदगुरू शरण ने किया तथा मुख्य महाप्रबंधक श्री अनंत त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों द्वारा बेस्ट सेलर की सूची एवं दैनिक जागरण ज्ञानवृति के लिए चयनित तीन प्रतिभागियों श्री दीप्ति सामंत रे, श्री नाईस हसन एवं श्री निर्मल कुमार पांडेय के नामों की सूची जारी की गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित, दैनिक जागरण समूह के सीनियर एक्जक्यूटिव एडिटर श्री प्रशांत मिश्रा, दैनिक जागरण बिहार-झारखंड के मुख्य महाप्रबंधक श्री आनंद त्रिपाठी, एसोसिएट एडिटर श्री सदगुरु शरण, विधान पार्षद श्री रामवचन राय, पूर्व प्रशासनिक पदाधिकारी श्री शक्ति सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्री अजीत अंजुम, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष वर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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