वादा तेरा वादा झूठा है तेरा वादा, वादे पे तेरी में मारा ………….

जब भी चुनाव आते है तो ऐसे नारों से दीवारों रंग दी जाती है. वादा करते है अगर हम जित जाएँगे बेरोजगारी खत्म कर देंगे गरीबी मिटा देंगे,किसानो को कर्ज माफ़ करबा देंगे,किसानो बिजली पानी मुफ्त  देंगे TV रेडियो,अखबार हर जगह मतदाताओ को अपनी और खीचने के लिए वायदे किये जाते! दोस्तों गरीब तो जीता के उनको मंत्री विधायक बना देते है परन्तु गरीबी जहा थे वही रह जाते है और जो वायदे करते वो मंत्री को कभी याद नही आते है. फिर याद आता है चुनावी समय में / जनता को नेताओं के वायदे पर कभी यकीन नही करना चाहिय तथा अपने विवेक से देशहित को ध्यान में रखते हुए अपने मतदान करे. भारत एक लोकतान्त्रिक देश है यहाँ हर पांच वर्ष वाद चुनाव होते है तथा सरकार चुनने का कार्य संपन्न किया जाता है.चुनावी बिगुल बजते ही हर राजनीती दल अपनी जूठी वादे को याद कर के घोषणा करती है. वह जनता को अनेक झूठे लोकलुभाने नारे देते है.जगह जगह रैलिया की जाती और भाड़े के भीड़ से जनता को दिखाया जाता की उनके साथ जनसमर्थन है उन्हें अपने अपने क्षेत्र की समस्या पता होता है और उसी को चुनावी परचार के दौरान वे इन्ही समस्याओं को मुद्दा बनाते है तथा सत्ता में आने बाद इन्हें सुलझाने का वायदे करते है. चुनाव जित जाने वाद नेताओं को न जनता याद आते है और न ही किये हुए वायदे याद आते है.फिर वे अपने कल्याण में जुट जाते है और चुनावी वायदे कागज के फूलों के समान है जो कभी खुशबु नही देते. ये वायदे सिर्फ चुनाव जितने के लिए किये जाते है अत: जनता अपना वोट अपना विवेक से देशहित में करे

dilip kr.

Leave a Comment

65 − 62 =