पटना : बिहार विधानसभा में आज जातीय जनगणना की रिपोर्ट पेश होने के बाद नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढायी जायेगी| नीतीश के एलान के कुछ घंटे बाद ही कैबिनेट की बैठक हुई और उसमें आरक्षण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया| लेकिन हम बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढाया जा सकता| ऐसे में राज्य सरकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज सकती है|
नीतीश कैबिनेट में आज आरक्षण बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी. सरकार ने तय किया है कि वह 9 नवंबर को बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ाए जाने का बिल लाएगी| पहले से तैयारी थी इसलिए नीतीश कैबिनेट ने विधानसभा में जातीय जनगणना की रिपोर्ट पेश होते ही बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगा दी |
नीतीश कैबिनेट से पास बिल में नये सिरे से आरक्षण देने का प्रस्ताव किया गया है| नये सिरे से आरक्षण की स्थिति कुछ इस तरह होगी| सरकार ने अनुसूचित जाति यानि एससी को पहले से मिल रहे 16 परसेंट के बजाय 20 परसेंट आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया है| वहीं अनुसूचित जनजाति यानि एसटी को पहले से मिल रहे 1 परसेंट आरक्षण के बजाय 2 परसेंट आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है|
इसके अलावा अति पिछड़े तबके यानि ईबीसी के लिए 25 परसेंट आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है| वहीं, ओबीसी को 18 प्रतिशत आऱक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है| इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े यानि EWS वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा| कुल मिलाकर आरक्षण 75 परसेंट होगा|
कैबिनेट की बैठक में गरीब परिवारों की मदद के लिए सतत जीवोकापार्जन योजना के तहत मदद राशि बढ़ाने का भी फैसला लिया है| नीतीश कुमार ने आज ही ये एलान किया है कि बिहार के 94 लाख 42 हजार गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए किश्तों में 2 लाख रूपये की मदद दी जायेगी| इस पर भी कैबिनेट से मुहर लगायी गयी।