पटना : रेलवे में नौकरी के बदले जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के मामले में तत्कालीन रेल मंत्री और आऱजेडी चीफ लालू प्रसाद से ईडी पूछताछ खत्म हो गई है। ईडी के अधिकारियों ने करीब चार घंटे तक लालू प्रसाद से लैंड फॉर जॉब केस से जुड़े सवाल पूछे। चार घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने लालू प्रसाद को घर जाने को कहा। लैंड फॉर जॉब केस में ईडी की टीम ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजप्रताप यादव को समन भेजकर पूछताछ के लिए पटना स्थित दफ्तर बुलाया था। ईडी के समन पर 18 मार्च को पूर्व सीएम राबड़ी देवी और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे थे, जहां ईडी की टीम ने उनसे अलग-अलग पूछताछ की थी।
इससे पहले 18 मार्च को ईडी ने राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव से लंबी पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने राबड़ी देवी से पूछा था कि उनके नाम से जो जमीन है वह उन्होंने कैसे अर्जित किया है। इसके साथ ही ईडी ने पूछा था कि जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन लिया गया उनको कैसे जानती है? आप उन लोगो से पहली बार कब मिली? उन लोगो को नौकरी देने के लिए आपने पैरवी किया तो क्यों? आपके बेटे तेजस्वी यादव ने जो दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बंगला खरीदा उसके बारे में आप क्या जानती हैं? ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब ईडी तलाश रही है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए बड़ा घोटाला किया था। रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लालू प्रसाद ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई थी। इन जमीनों के बदले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे जोनों में बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गईं थी।