बिहार में पहली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नया आरक्षण कानून लागू होगा। पूर्व के दो चरणों की परीक्षा में पहले से चले आ रहे आरक्षण नियम का पालन किया गया था मतलब इस नई नियमावली का अनुपालन नहीं किया गया था। लेकिन, इस बार नई नियमावली का अनुपालन किया जाएगा। इस बार बीपीएससी की ओर से जारी तीसरे चरण की नियुक्ति परीक्षा में नए आरक्षण नियमावली से रिक्तियों को भरा जाएगा।
वहीं, आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि बिहार में पहली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नए आरक्षण नियम का पालन किया जाएगा। हालांकि सबसे पहले कृषि विभाग के अंतर्गत आई रिक्तियों में नए आरक्षण नियम के अनुसार आवेदन लिया गया है। इसका लाभ आरक्षित क्षेणी के वर्ग में आने वाले अभ्यर्थियों को मिलेगा।
मालूम हो कि, नए आरक्षण नियमावली के हिसाब से ईबीसी के अभ्यर्थियों को 25 0, पिछड़ा वर्ग के को 18 , एससी को 20, एसटी को दो प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत का लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार इस बार 87 हजार रिक्तियों में सबसे अधिक रक्तियां उच्च माध्यमिक में आने की संभावना है। राज्य में सैकड़ों विद्यालयों को उत्क्रमित करके उच्च माध्यमिक में बदला गया है। इन में शिक्षकों की कमी है। सबसे कम रिक्तियां पहली से पांचवीं में आने की उम्मीद है। आवेदन दस से 23 फरवरी तक होगा।
आयोग की ओर से तीसरे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि अभी रिक्तियों की संख्या नहीं भेजी गई है। उम्मीद है इस सप्ताह रिक्तियां प्राप्त हो जाएंगी। कितने विषयों की परीक्षा होगी। इसकी जानकारी भी शिक्षा विभाग से पत्र प्राप्त होने के बाद ही चलेगा। हालांकि इस बार विषयों की संख्या कम होगी। इस बार सिर्फ दो विभाग शिक्षा विभाग और एससी-एसटी कल्याण विभाग के अंधीन वाले विद्यालयों में रिक्तियां निकाली जाएंगी।
आपको बताते चलें कि, शिक्षक नियुक्ति नियमावली के हिसाब से हजारों अभ्यर्थियों को दो और मौके मिलने की संभावना है। इधर शिक्षा विभाग और बीपीएससी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभ्यर्थियों को दो और अतिरिक्त मौके दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग की ओर से पहली बहाली के दौरान जो नियमावली बनाई थी, उसमें तीन मौके का जिक्र किया गया था। इधर, अभ्यर्थी सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर पांच अवसर देने के लिए अभियान चला रहे हैं।