बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के डिपार्टमेंट पथ निर्माण विभाग के काम का निरीक्षण करने अकेले पहुंच गये. दिलचस्प बात ये कि इस काम का सीधा संबंध तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र का है. हम बात कर रहे हैं गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक बन रहे सिक्सलेन पुल की. नीतीश ने आज पुल के निर्माण का निरीक्षण किया. अधिकारियों को कहा-इसी साल के आखिर तक पुल को चालू कर दीजिये. बहुत देर हो तो अगले साल के शुरूआत तक चालू हो जाना चाहिये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्सलेन पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा-इस पुल के निर्माण में देर हो गयी है, इसका हमको बहुत अफसोस है. हमने अधिकारियों को कहा है कि जल्दी से जल्दी काम पूरा करा लीजिये. उसी के सिलसिले में आज हम यहां निरीक्षण करने आये हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कोविड के कारण दो साल काम बाधित हुआ. लेकिन हम चाहते हैं कि इसी साल ये पुल चालू हो जाये. अगर देरी भी हो तो अगले साल के पहले-दूसरे महीने में पुल चालू हो जाये.
नीतीश ने कहा कि जेपी गंगा पथ को भी कच्ची दरगाह तक बनवाया जा रहा है. इसी साल वह रोड बनकर तैयार हो जायेगा. इसलिए हम चाहते हैं कि पुल भी बन कर तैयार हो जाये. तब लोगों को बहुत सुविधा होगी.
बता दें कि गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्सलेन पुल का निर्माण 2021 में ही पूरा होना था. लेकिन कई वजहों से देरी हुई. अब एक बार फिर काम में तेजी आयी है. पुल के सारे पाये बनकर तैयार हैं. राघोपुर दियारा की तरफ एप्रोच का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है. अब बख्तियारपुर की तरफ फ्लाइओवर और एप्रोच रोड बनाया जायेगा।
बेहद अहम है गंगा नदी पर बन रहा ये पुल
कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्सलेन पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने में महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी. इसकी कनेक्टिविटी बख्तियारपुर फोरलेन से होगी. आने वाले कुछ सालों में आमस-दरभंगा नयी फोरलेन सड़क की कनेक्टिविटी भी इस पुल से हो जायेगी. ये पुल तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर दियारा इलाके को भी सालो भर सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी देगा।
इस पुल के बन जाने के बाद नवादा, मुंगेर, नालंदा या झारखंड-बंगाल की तरफ से आने वाली गाड़ियों को उत्तर बिहार जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी. दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार जाने में करीब 60 किमी की दूरी कम हो जायेगी. साथ ही जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम हो जायेगा. इस पुल के सहारे झारखंड और बंगाल से उत्तर बिहार होते हुए नेपाल सीमा तक पहुंचना आसान हो जायेगा।
वैसे कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक सिक्स लेन पुल का निर्माण 2011 में ही शुरू होना था. लेकिन निर्माण शुरू होने में पांच साल की देरी हुई. 2016 में पब्लिक-प्राइवेट- पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत पुल बनाने का काम शुरू हुआ. इस पुल के निर्माण का काम 2021 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर पुल बना रही एजेंसी की लापरवाही से काम समय पर पूरा नहीं हो पाया।
5 हजार करोड़ रूपये से बन रहा है पुल
करीब 5 हजार करोड़ रूपये की लागत वाली इस परियोजना में मुख्य पुल की लंबाई करीब 9.76 किमी और एप्रोच रोड के साथ मिलाकर करीब 22.76 किमी होगी. इस पुल का निर्माण 67 पायों पर केबल के सहारे हो रहा है. इसमें दो पायों के बीच की 160 मीटर की दूरी के बीच का स्ट्रक्चर केबल पर लटका होगा. पुल की ऊंचाई गंगा नदी के अधिकतम जलस्तर से 13 मीटर उपर रखी गयी है|