पितरों के मोक्ष की कामना

सभी  मित्रों को सप्रेम हरि स्मरण मित्रों एवं अभिभावक गण कूछ दिन के बाद महालया प्रारंभ होगा जीसेपित्री पक्ष भी कहते है जीसमे हिंदू धर्मावलंबी अपने पितरों के मोक्ष की कामना से गया श्राद्ध करते हैं गयाश्राद्ध में पहला पिण्ड आदि गंगा पुनपुन भागीरथी गंगा से पहले की गंगाहै यहाँ पहला पिण्ड देने का विधान है पुनपुन में पिंड दान का घाट दो जगह है एक पटना के पास पुनपुन घाट स्टेशन और दूसरा औरंगाबाद बिहार में अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन से 1. 5किलोमीटर पश्चिम अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन के नाम से जाना जाता है तीर्थयात्री अपनी सुविधानुसार इन्हीं दो जगहों पर कहीं एक जगह पिंड दान करते हैं विगत कुछ वर्षों से धन की लिप्सा में कुछ पंडितों ने गलत जगह पर पिंडदान कराना शुरू कर दिया है जैसे दिल्ली हावड़ा ग्रैंड ट्रैक रोड पर औरंगाबाद जिले में शिरीष के पास पुनपुन नदी है वहां पर कुछ दलाल और कुछ ग्रामीणों के द्वारा सड़क पर एक बोर्ड लगा दिया गया है उनके हाथ पितृपक्ष मेला बाहरी तीर्थयात्री दिग्भ्रमित होकर अनुचित स्थान पर पिंड दान करते हैं सभी से आग्रह है कि यदि आप के संपर्क में अथवा जानने वाला कोई भी व्यक्ति गयाजी जा रहे हैं तो उचित मार्गदर्शन अवश्य करें वह अपने पूर्वजों के लिए सही स्थान पर पिण्डदान करें ऊपर दो दो जगह का उल्लेख किया गया है इसके अतिरिक्त जहां भी पिंडदान होता है कहीं पर कोई प्राचीन साक्ष्य नहीं मिलेगा है परंतु इन दो स्थानों पर बहुत से प्राचीन साक्षी भरे पड़े हैं जैसे पितृपक्ष में ट्रेन का ठहराव सन 1907का बना हुआ धर्मशाला पिंडदान घाट से कुछ ही दूरी पर लगभग 200 वर्ष पुराना भगवान विष्णु का मंदिर मैं सब से यह आग्रह करूंगा इस पोस्ट को अवश्य शेयर करें अभी तक मैंने कभी किसी से अपनी पोस्ट को शेयर करने का आग्रह नहीं किया परंतु धर्मावलंबी जनता को उचित स्थान पर पहुंचाने हेतु कार्य कर रहा हूं मेरा मोबाइल नंबर 94704 39004 है पुनपुन आने वाले तीर्थयात्री किसी भी प्रकार की सहायता के लिए इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं गया श्राद्ध से संबंधित हर तरह की सहायता उपलब्ध है यदि किसी सज्जन को प्रमाण चाहिए तो श्राद्ध पारिजात नामक पुस्तक देख ले यह पुस्तक सभी जगह उपलब्ध है और दक्षिण भारत में संस्कृत बोर्ड के सिलेबस में यह पुस्तक पढ़ाया भी जाता है जगह का स्पष्ट रूप से उल्लेख इस में मिल जाएगा

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