बिहार में पहलीे बार लिवर ट्रांसप्लांट।

Report By:- Niranjan Kr.

रोहित के अंगदान से छह लोगों को नई जिंदगी मिल रही है। रोहित सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था और आईजीआईएमएस में ही भर्ती था। 17 मार्च को यह पता चला गया था कि यह केस बे्रन डेड का हो गया है। 17 मार्च को रोहित के परिजनों ने लिखित अनुमति दी। बे्रन डेड कमिटी ने दूसरी बार 18 मार्च को सुबह 8.30 बजे जांच कर बे्रन डेड सर्टिफिकेशन कर दिया। चूंकि रोहित के परिजनों ने अंगदान की सहमति दी थी, इसलिए वार लेवल पर मरीज की तलाश शुरू हुई। चिह्नित मरीज का ब्लड ग्रुप बी पाॅजिटिव है या नहीं, यह देखा गया। लिवर और किडनी का मरीज मिल गया 47 साल के एक मरीज की जानकारी सामने आई, जो आॅटो इम्युन हेपेटाइटिस से पीड़ित है। पता चला कि यह मरीज मैक्स साकेत में इलाज के लिए भर्ती है। 2018 में इस मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट आॅर्गनाइजेशन के ट्रांसप्लांट कराने वालों की सूची में भी दर्ज था। ब्लड ग्रुप बी पाॅजिटिव होने से डोनर के लिवर से मैच कर गया था। बुधवार की सुबह जब ब्रेन डेड मरीज से लिवर मिलने की बात पक्की हो गई तो उसे एयर लिप्ट कर पटना बुलाया गया। उसके साथ मैक्स साकेत की टीम में डाॅ राजेश डे और विभा वर्मा थी जबकि संस्थान की टीम डाॅ0 संजय कुमार, डाॅ साकेत कुमार, डाॅ0 आरके सिंह डाॅ0 अमरजीत राज, डाॅ0 कुणाल सिंह, डाॅ0 निधि थीं। ट्रासंप्लांट काॅर्डिनेटर यसपाल और सोटो की एकता रानी का भी सहयोग मिला। किडनी ट्रासप्लांट का 40 साल का मरीज पटना का ही है। बुधवार को किडनी ट्रांसप्लांट एक ही मरीज का संभव हो सका। गुरूवार को भी एक मरीज किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। अंगदान के लिए खून की जरूरत थी। मां वैष्णवदेवी सेवा समिति के मुकेश हिसारिया के सहयोग से ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए कन्हैया अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, प्रतीक अग्रवाल, मुकेश, पिंटू कुमार, लोकेश राज रंजन मेड़तिया ने स्वेच्छा से रक्तदान किया।

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