पहली बार ऐसा हो रहा कि सभी अपने अपने परिवार के साथ में है

Report By- Ratnesh kr.

पहली बार ऐसा हो रहा है कि छुट्टी है किंतु कोई काम नही है । पहले या तो छुट्टी होती नही थी और यदि होती थी,तो दिखावे की होती थी।।और यदि सचमुच होती थी तो छुट्टियों से पहले ही छुट्टियों का कार्यक्रम बन जाता था।

या तो पेंडिंग कार्य निपटाते थे या कहीं जाते जाते थे।इस बार तो कहीं बाहर घूमने या गृहनगर भी नही जा सकते।

पहली बार ऐसा हो रहा है कि छुट्टी है किंतु कोई न तो घर में आ रहा है और न मैं कहीं जा रहा है। पेंडिग वर्क भी नही निपटा सकते।किचेन की चिमनी,नल,दरवाजे, CCTV कैमरा इत्यादि बहुत सारी चीजें खराब हैं किंतु इलेक्ट्रिशियन,प्लम्बर, कारपेंटर,इंटरनेट वाल,प्रेस वाले या तो आ नही रहे या तो हम उन्हें बुला नही रहे।

पहली बार ऐसा हो रहा है कि अख़बार,मोबाइल व TV — ये सब के सब सूचना परक से ज़्यादा भयोत्पादक की भूमिका निभा रहे हैं।कोई चैनल बता रहा है कि इटली में बुजुगों का इलाज़ नही हो रहा है।लाशों को कोई दफनाने वाला नहीं है।

तो व्हाट्सअप पर कोई सूचना दे रहा है कि चीन में लाखों मोबाइल बंद होने से ऐसा लगता है कि इतने लोग गायब हैं।एक डॉक्टर साहब बता रहे हैं कि 40 सेकंड सांस रोकने से पता चल जाएगा कि आपको कोरोना है कि नहीं। एक मौलाना बता रहे हैं कि कुरान से कोरोना निकला है इसलिए हमें खतरा नही।कोई गो – मित्र पिलाने का ज्ञान बांट रहा है तो कुछ और कह रहे है।

किन्तु इन सब से उलट,पहली बार कुछ अच्छा भी हो रहा है।घर मे चार लोग हैं चारो पहली बार दिन रात साथ है।एक साथ खा रहे हैं, एक साथ काम कर रहे हैं और बीच-मे थोड़ी बहस भी कर ले रहे हैं।

सब अपने-२ मोबाइल से उत्पन्न ज्ञान के आधार पर कोरोना विशेषज्ञ बनने में लगे हुए हैं।

एक और अच्छा काम पहली बार हो रहा है कि पूजा-पाठ,योगा, एक्सरसाइज के अलावे झाड़ू-पोछा -बर्तन -वाशिंग मशीन इत्यादि में हाथ भी आजमाया जा रहा है।

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