TRE 3.0 के रद्द होने पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर उठाया सवाल

पटना  : बिहार में 15 मार्च को दोनों पालियों में ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE 3.0) को रद्द कर दिया गया है। परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक होने के कारण बीपीएससी ने यह कदम उठाया। अब जल्द ही नए तारीखों का एलान किया जाएगा। तीसरे चरण के शिक्षक भर्ती परीक्षा के रद्द किये जाने पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाया। कहा कि जब हम सत्ता पक्ष में थे तब 17 महीनों में 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी और किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक नहीं होने दिया।

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तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारे द्वारा स्वीकृत तीसरे चरण की एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा में हमारे हटते ही पेपर लीक हो गया। बिहार सरकार मानने को तैयार ही नहीं थी कि पेपर लीक हुआ है लेकिन आखिरकार मजबूत  विपक्ष और परीक्षार्थियों की बुलंद आवाज के चलते मजबूर सरकार को पेपर रद्द करना पड़ा। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे हटते ही बिहार में पेपर लीक हो गया।

इस दौरान तेजस्वी यादव ने अपने 17 मार्च के ट्वीट को भी अटैच किया। जिसमें तेजस्वी ने लिखा था कि हमारे 𝟏𝟕 महीनों का सुनहरा कार्यकाल जिसमें पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से युवाओं को 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी गयी, वह बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वर्णिम काल था। अब नीतीश-भाजपा सरकार ने डेढ़ महीने में ही 𝟏𝟕 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नक़ल माफिया को इतना प्रोत्साहन दे दिया कि बीपीएससी  शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में प्रतियोगी परीक्षाओं के विश्व इतिहास में प्रथम बार एडमिट कार्ड  में ही आंसर की  बतायी जा रही है। और तो और पेपर लीक कराने वाले नकल माफिया को बचाने के लिए इनके वरिष्ठ मंत्री प्रशासन पर दबाव बना रहे है। पुलिस को फोन कर रहे मंत्रियों का नाम- बूझों तो जाने|

दरअसल, इस मामले को लेकर लगातार बिहार पुलिस नए-नए खुलासे कर रही थी और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिसके बाद आयोग द्वारा अंततः परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में बीपीएससी की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें 15 मार्च को आयोजित दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। बीते शुक्रवार (15 मार्च) को दो पालियों में परीक्षा हुई थी।परीक्षा में शामिल होने बिहार आ रहे करीब 250 से 300 परीक्षार्थियों को हजारीबाग में शुक्रवार की सुबह हिरासत में लिया गया था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। तीसरे चरण की शिक्षक बहाली का प्रश्न-पत्र कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ।

इस मामले में गिरफ्तार मास्टरमाइंड विशाल कुमार चौरसिया ने प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मियों की मदद से अपने अन्य साथियों अजय पासवान, सुचिन्द्र पासवान, विनोद कुमार कुशवाहा और पवन कुमार राजपूत के साथ मिलकर पेपर आउट करवाया था। पेपर की प्रिंटिंग पूरी होने से पहले ही पेन ड्राइव में इसे लाया गया था और बाहर लाकर इसे प्रिंट किया गया। इस वजह से इसमें सुरक्षा कोड या बार कोड नहीं है। वहीं, इस बात का खुलासा विशाल कुमार चौरसिया ने खुद एसआईटी से पूछताछ में किया है। फिलहाल उससे इस बात की गहन तफ्तीश चल रही है कि आखिर उसे प्रिंटिंग प्रेस और यहां काम करने वाले संबंधित कर्मी से संपर्क करने का सुझाव किसने दिया। क्या यह जानकारी उसे बीपीएससी से मिली थी? ईओयू की पूछताछ में विशाल से यह भी पता चला कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस दारोगा भर्ती और बालासोर (ओडिशा) में जूनियर इंजीनियर परीक्षा का भी प्रश्न-पत्र लीक किया था।

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